ऑल इंडिया मुत्तेहिदा महाज ने की नागरिकता संशोधन विधेयक में खामिया दूर करने की मांग
मुजफ्फरनगर। ऑल इंडिया मुत्तेहिदा महाज ने महामहिम राष्ट्रपति महोदय की नागरिकता संसोधन विधेयक में खामिया दूर करने की मांग केन्द्र सरकार जो नागरिकता संशोधन विधेयक - 2019 सांसद में पेश कर रही है। दरसल वह भारतीय संविधान की धर्मनिरपेक्षता की मूल भावना के विरुद्ध है। यह न केवल असंवैधानिक है, बल्कि अनैतिक है। क्योंकि यह बाबा साहब अंबेडकर के संविधान की भावना के भी खिलाफ़ है। सरकार के राज्य धर्म या संप्रदाय के आधार पर किसी व्यक्ति के साथ किसी प्रकार का भेदभाव नहीं कर सकते। मगर मौजूदा विधायक धर्म के आधार पर विभेद कर रहा है क्योंकि इससे मुस्लिम समुदाय को बाहर रखा गया है और यह संविधान की प्रस्तावना के खिलाफ है।
देश की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट ने भी कई अहम फैसले में कहा है कि मानवीय आधार पर कोई भी शरणार्थी पनाह मांगता है तो धर्म के आधार पर उसे इनकार नहीं किया जा सकता है। जहां तक बात घुसपैठियों की है निश्चित रूप से उन्हें देश से बाहर किया जाना चाहिए। लेकिन देखने में आ रहा है कि इस विधेयक का असली मकसद घुसपैठियों को देश से बाहर करने के बजाय एक वर्ग विशेष में भय का माहौल बनाना है। यहां सवाल यह पैदा होता है कि "क्या देश के मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक बना कर देश का विकास संभव हो सकता है?" इसलिए ऑल इंडिया मुत्ताहिदा महाज मांग करता है कि नागरिकता संशोधन विधायक - 2019 की खामियों को दूर कराया जाए। जिससे कि देश में अमन व शांति का माहौल रहे और देश विकास की बुलंदियों को छू सकें।
इस मौके पर राष्ट्रीय अध्यक्ष शाहनवाज, आफताब, महबूब आलम एडवोकेट, अमीर आजम खान एडवोकेट, गौहर सिद्दीकी, हाजी आसिफ़ राही, इकराम कस्सार, मौलाना ताहिर कासमी, डॉक्टर मुर्तजा सलमानी, फैसल खान एडवोकेट, हाजी मुनव्वर एडवोकेट, सफीक़ अहमद थानवी, शमीम कस्सार, बदरुज़्ज़मा खान और हसीन पुंडीर आदि उपस्थित रहे।